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Writer's picturejyoti sukhija

Lets speak something..best poem

कुछ कह ले

चलो कुछ कह ले,चलो कुछ सुन ले

नहीं तो ये वक्त, यूँही निकल जायेगा

कुछ कांटे मैं चुन लूं ,कुछ फूल तुम सजा दो

तो ये जीवन का डगर सवंर जायेगा

साफ और सुंदर डगर हो अगर सामने

तो सफर बहुत ही आसान हो जाता है

खुद भी चलते है बेझिझक मंजिल तक

और दूसरो के लिए सफलता का निशान हो जाता है।।

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