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Writer's picturejyoti sukhija

Best poem of 2020

हम नादान


दिल तो इंसानो मे होता है और

हम ढूँढ रहे नाचीजो़ मे

जलते रहे हम सुलगते रहे और

वो खडे़ रहे दहलीजो़ मे

हम भी कितने भोले है और नासमझ नादान है

अपनी प्रेमलता को अब तक

ढूँढ रहे है बीजों मे।।

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