Best poem of 2020jyoti sukhijaJun 7, 20201 min readहम नादानदिल तो इंसानो मे होता है और हम ढूँढ रहे नाचीजो़ मेजलते रहे हम सुलगते रहे औरवो खडे़ रहे दहलीजो़ मेहम भी कितने भोले है और नासमझ नादान हैअपनी प्रेमलता को अब तक ढूँढ रहे है बीजों मे।।
हम नादानदिल तो इंसानो मे होता है और हम ढूँढ रहे नाचीजो़ मेजलते रहे हम सुलगते रहे औरवो खडे़ रहे दहलीजो़ मेहम भी कितने भोले है और नासमझ नादान हैअपनी प्रेमलता को अब तक ढूँढ रहे है बीजों मे।।
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