जिंदगी क्या है
जिंदगी क्या है, सचमुच आज तक कोई ये ना जाना है, ये कांटो की सेज है, या फिर सपना सुहाना है , ये खुशी की शहनाई है, या फिर गम का तराना है,
जिंदगी क्या है, सचमुच आज तक कोई ये ना जाना है!
रीता रीता घड़ा है, या फिर कुबेर का खजाना है, सब कुछ जानती है, ये जिंदगी या हर राज अनजाना है,
जिंदगी क्या है सचमुच आज तक कोई ये ना जाना है!
गर्मी की धूप है, या सर्दी का अफ़साना, प्यार का महरम है ये, या जुदाई मे जलजाना है,
जिंदगी क्या है, सचमुच आज तक कोई ये ना जाना है!
बुढ़ापे की लाचारी है, या बचपन का खिलखिलाना है, वयस्कता की ज़िमेदारी है, या जवानी का नज़राना है,
जिंदगी क्या है सचमुच आज तक कोई ये ना जाना है!
This is a poem for written on different phases of life. I am always in dilemma about what is life. As and when the pages are turning one by one of life it makes me think more about it.
I hope you liked this poem on what is life in Hindi.
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